GOLMAAL DIWALI POEM
अब होगा क्या दीवाली पर, गोलमाल होगा सब गोलमाल होगा।
पटाखों का बवाल होगा, मज़हब का सवाल होगा,
छोटी छोटी बातों को लेकर रिश्तों का सवाल होगा।।
अब होगा क्या दीवाली पर, गोलमाल होगा सब गोलमाल होगा।
अयोध्या की बातें होंगी, मर्यादा की यादें होंगी,
लक्ष्मी पूजन भूल कर, इज़्ज़त की लाशें होंगी।।
अब होगा क्या दीवाली पर, गोलमाल होगा सब गोलमाल होगा।
अपनी बहु बेटी को सम्भालेंगे, दूसरों पर गलत नजर डालेंगे,
दूसरों की इज्जत लूट कर, अपने घर की इज़्ज़त भालेंगे।।
अब होगा क्या दीवाली पर, गोलमाल होगा सब गोलमाल होगा।
जुआ, दारू सब आम होगा, कमरो में चुप आराम होगा,
ढिंढोरा पिट अपने संस्कारों का, घर में सब नीलाम होगा।।
अब होगा क्या दीवाली पर, गोलमाल होगा सब गोलमाल होगा।
माता लक्ष्मी जी का पूजा पाठ होगा, घर की लक्ष्मी पर गुस्सा होगा,
घर की बाहर की सफाई को लेकर, हर शख्स रूसा होगा।।
अब होगा क्या दीवाली पर, गोलमाल होगा सब गोलमाल होगा।
रिश्तों में बनावट होगी, रौशनी की सजावट होगी,
दुनिया को दिखाने को, हर चीज़ में दिखावट होगी।।
अब होगा क्या दीवाली पर, गोलमाल होगा सब गोलमाल होगा।
दीये की लोह जलाएंगे, अंतर-मन को सुलायेंगे,
सब ऐशो-आराम होकर भी, औरो की आत्मा रुलायेंगे।।
अब होगा क्या दीवाली पर, गोलमाल होगा सब गोलमाल होगा।
मिठाई घर घर बाँटेंगे, अपने बच्चों को डाँटेंगे,
किसने किसने क्या दिया, हर उपहार की कीमत छाटेंगे।।
अब होगा क्या दीवाली पर, गोलमाल होगा सब गोलमाल होगा।
अमीरों की ओर कमाई होगी, गरीबों की ठुकाई होगी,
मन की गिरोहें छोड़, हर चीज़ की सफाई होगी।।
अब होगा क्या दीवाली पर, गोलमाल होगा सब गोलमाल होगा।
खुद से एक वादा करलो यार, एक इरादा करलो तयार,
सब भूल कर नराजगी, रिश्तों में भरलो प्यार।।
खुद की लोह जगालो तुम, घर उत्सव मनालो तुम,
किसी को ख़ुशी देदो, ओर अपनों को हँसालो तुम।।
मज़हब की दिवार तोड़ दो, दिलों से दिल जोड़,डी दो,
सबक इंसानियत का लेकर, दुनिया का मुख मोड़ दो।।
गोलमाल सी ज़िन्दगी का सीधा सा असूल है,
कर्म सबसे जरूरी बाकी सब धूल है।।
माना की बहुत कुछ गलत हो रहा है आस पास, इस दीवाली घरों की सफाई से अच्छा मनों की सफाई करो।। आपको और आपके समस्त परिवार को दीपावली की बहुत बहुत शुभकामनाएं।
शैलजा
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