Make your self priority

नहीं जिना मुझे उन दायरों में, जिनमें मेरी कदर नहीं,
दुनिया बेशक ये कहदे मुझमे वो सबर नहीं।।।

कुछ ख्वाहिशें होती हैं, जो खुद से ख़फ़ा रहती हैं,
तमाम उम्र सपना बन, पलकों तलें रहती हैं,
अब लोगों की बातों का मुझपे कोई असर नहीं,
दुनिया बेशक ये कहदे मुझमे वो सबर नहीं।।।

भीतर से वो ख़ुशी कहाँ से लाऊँ मैं,
जो छिपी हैं दरमियाँ वो लोह कहाँ जलाऊँ मैं,
वही मंजिल हैं, जो सब कहें मेरी डगर नहीं,
दुनिया बेशक ये कहदे मुझमे वो सबर नहीं।।।

अब फैसला कहो या ज़िद कहो,
मेरी रूह कहो के अहम कहो,
नहीं चुनना वो राह जहाँ मेरी कदर नहीं,
दुनिया बेशक ये कहदे मुझमे वो सबर नहीं।।।

हाँ ये सच है मुझे वो कदर नहीं,
अब मुझमें वो सबर नहीं।।।।

-शैलजा

अच्छा है अपनी ज़िन्दगी कुछ तो अपने असूलों पर जियो, लोगों के असूल आपके लिए ओर है, और खुद के लिए ओर। वो अपने लिए जो करते है वो आपके लिए कभी नहीं। प्यार और लगाव में तिनके भर का फर्क होता है, यूँही नहीं कुछ लोग सिर्फ कम के लिए आपको याद रखते है, आगे पीछे पूछते तक नहीं। ऐसे लोगों के लिए बस उनका काम ही मायने रखता है।
कुछ लोगों आपकी ओर आप आकर्षित भी होते है, जिसके चलते वो कोई ओर बनने की कोशिश करते है, जो आप वह  है ही नहीं। किसी को कुछ एहसास कराने के लिए अपने आप को ना खोएं।

जिंदगी का फलसफा ही कुछ ऐसा है,
यह चलती है, थमने के लिए,
थमती है, चलने के लिए।।।
एक ज़रा सी खुद की ओर देख,
ओर इसे जिए जा जीने के लिए।।।

दुनिया के नज़र में आप कभी भी पूरी तरह काबिल नहीं बन सकते, बेशक आप जितना मर्जी मेहनत करले, इससे तो अच्छा है, आप अपने आप पर मेहनत करे, अपने सपनो को साकार करे। हर रिश्ते का मिलना बिछड़ना निश्चित है हर पल का गुज़रना तय है, उस एक लम्हे में कितनी जिंदगी जी गयी, मायने सिर्फ यही रखता है।। कितना हँसे, कितना मुस्कुराये बहुत मायने रखता है।। आखरी कुछ लफ़ज़:

छोटी सी जिंदगानी है, इससे दुखों का पहाड़ ना बना,
अभी तुझे जीना है, इससे अपनी मज़ार (कबर) ना बना।।

शैलजा

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